शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज जी का 649वां प्रकाश उत्सव — 1 फ़रवरी 2026
आप सभी को शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज जी का 649वें प्रकाश उत्सव की लाख लाख बधाई — 1 फ़रवरी 2026
class="lead">1 फ़रवरी 2026 को सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी (कांशी) पावन भूमि पर शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज जी का 649वाँ प्रकाश उत्सव अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम तीन दिन का होगा जिसमें संगत एक हफ्ता पहले पहुचने लगेगी 31 जनवरी को सतगुरु रविदास पार्क में गंगा घाट के किनारे दीपोत्सव होगा मुख्य कार्यक्रम 1 फ़रवरी 2026 को होगा और समापन कार्यक्रम 2 फ़रवरी 2026 को होगा ।
यह आयोजन सिर्फ़ एक धार्मिक समारोह नहीं — यह रविदासिया संस्कृति, सामाजिक समानता और आध्यात्मिक जागरण का वैश्विक महापर्व है। इसमें प्रमुख रूप से धर्म गुरु संत निरंजन दास जी महाराज डेरा सचखंड बल्लां के मौजूदा गद्दीनशीन के साथ साथ पूरे भारत से संत पहुचेंगे और सतगुरु रविदास महाराज जी की शिक्षा को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे ।सामर्थ्य और ऐतिहासिक महत्व
सतगुरु रविदास महाराज जी की जीवन-कालीन शिक्षाएँ—मानवता, समानता और प्रेम—समाज के हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बनीं जो जाति-पाँव, पद-बल या धन-दौलत से परे जाकर आत्मिक सत्य को समझना चाहता है। 649वाँ प्रकाश उत्सव इस संदेश को फिर से विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने का अवसर है।
सतगुरु रविदास महाराज जी जन्म स्थान स्वर्ण मंदिर
सतगुरु रविदास महाराज जी के जन्म स्थान स्वर्ण मंदिर, सीर गोवर्धनपुर वाराणसी (कांशी) का अपना एक इतिहास है । जब हमारे संत महापुरुषों को पता चला की सतगुरु रविदास महाराज जी का जन्म बनारस के आस पास कहीं हुआ है तो संत महापुरुषों ने इसकी खोज करनी शुरू की और फिर खोज हुई सीर गोवर्धनपुर कांशी वाराणसी की तब यह महान तीर्थ करोड़ों रविदासियों की आस्था का केंद्र बन गया । इसको बनाने में बहुत बड़ा योगदान डेरा सचखंड बल्लां जालंधर के संत महापुरुषों का है ।
लगभग पिछले 40-50 वर्षों से इसकी आस्था निरंतर बढ़ रही । हर साल सतगुरु रविदास महाराज जी के प्रकाश उत्सव पर लगभग 25 से 30 लाख लोग यहाँ पर अपना शीश झुकाते है और पूरे साल यहाँ पर संगतों का आना जाना लगा रहता है । कौम के अमर शहीद संत रामानन्द जी ने इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । आज इस मंदिर का गुंबद सोने की चादर से मढा है, सोने की पालकी साहिब, सोने के जोत और सोने की चादर से बना मुख्य द्वार है । जिसको देखते ही रविदासियों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है ।
विश्वभर से संगत का आगमन
इस वर्ष, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय संगत के आगमन के कारण, कार्यक्रम और भी रंगीन और बहुभाषी होगा। सभी संगतों के लिए सुव्यवस्थित आवास, लंगर व्यवस्था, और दिशा-निर्देश सुनिश्चित किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु शांतिपूर्ण रूप से भाग ले सकें।
हर साल की तरह इस साल भी देश के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री माननीय श्री आदित्य योगी नाथ और विपक्ष के नेता माननीय श्री राहुल गांधी के साथ माननीय सांसद श्रीमती प्रियंका गांधी और पंजाब के मुख्य मंत्री माननीय सरदार भगवंत मान के साथ दिल्ली के पूर्व मुख्य मंत्री माननीय श्री अरविन्द केजरीवल और आजाद समाज पार्टी के मुखिया माननीय सांसद श्री चंदेरशेखर आजाद और बहुत से नेता पक्ष और विपक्ष के पहुचने के उम्मीद है ।
मुख्य क्षेत्रों से आने वाले
- भारत: उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु
- यूरोप और नॉर्थ अमेरिका
- मध्य-पूर्व और एशिया
सुविधाएँ
- रहने की सुविधा
- स्थानीय परिवहन समन्वय
- लंगर और खाने-पीने की सतत व्यवस्था
लगभग 50 लाख लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी
मुख्य कार्यक्रम
उत्सव के दौरान प्रमुख कार्यक्रम शामिल होंगे —
- अमृतवाणी पाठ और शबद-संगीत
- शबद-कीर्तन मंडलियाँ
- संत एवं विद्वान प्रवचन — सामाजिक सुधार और आध्यात्मिकता पर
- निशान साहिब आरोहण तथा सांस्कृतिक झाँकियाँ
- लंगर — सभी के लिए निशुल्क भोजन
रविदासिया विरासत और सामाजिक संदेश
रविदासिया परंपरा में सतगुरु की वाणी ने न केवल आध्यात्मिक मार्ग दिखाया बल्कि समाज में व्याप्त विषमताओं के विरुद्ध सुनियोजित संदेश भी दिए। यह उत्सव उन्हीं संदेशों को पुनर्जीवित करेगा—शिक्षा, समानता और सेवा के मार्ग पर चलकर समाज को उन्नत बनाना हमारा प्रमुख लक्ष्य होगा।
650वें प्रकाश उत्सव (2027) के लिए तैयारियाँ
649वें उत्सव के दौरान 650वें (2027) के आयोजन हेतु योजनाएँ घोषित की जाएँगी—जिसमें अंतरराष्ट्रीय समन्वय, धन-सम्भार, और सांस्कृतिक-शैक्षिक कार्यक्रम शामिल होंगे। यह एक दीर्घकालिक पहल होगी जिसका उद्देश्य रविदासिया विरासत को ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रदर्शित करना है।
संगत के लिए विवरण और सुझाव
यदि आप इस महापर्व में भाग लेने का विचार कर रहे हैं, तो कुछ उपयोगी दिशानिर्देश—
- यात्रा की योजना पहले से बनाएं और स्थानीय आयोजक/सेवा केंद्र से रजिस्ट्रेशन करें।
- आरामदायक कपड़े और मौसम के अनुसार परतें साथ रखें (वाराणसी का मौसम फरवरी में ठंडा-ठंडा रहता है)।
- स्वच्छता और सतर्कता—यदि ज़रूरी हो तो मास्क व व्यक्तिगत सेनेटाइज़र रखें।
- स्थानीय धर्मस्थलों एवं घरानों का सम्मान रखें और फोटोग्राफी के नियमों का पालन करें।
समापन संदेश
शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज जी का 649वाँ प्रकाश उत्सव केवल एक पारंपरिक आयोजन नहीं—यह एक चेतना है जो हमें मानवता, सेवा और समानता के पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर सतगुरु जी की अमृतवाणी को जीवन में लागू करेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त विरासत छोड़ेंगे।
अधिक जानकारी के लिए ईमेल करें globalravidassiaeu@gmail.com