स्वर्ग इसी जीवन में संभव – हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी

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स्वर्ग इसी जीवन में संभव – हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी

बेगमपुरा धाम में ऐतिहासिक संत समागम

बेगमपुरा धाम, चम्मू कलां में बेगमपुरा एजुकेशन वैलफेयर सोसाइटी इस्माईलाबाद और ग्लोबल रविदासिया वैलफेयर ऑर्गेनाइजेशन (यूरोप–इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँचवाँ महान संत समागम अत्यंत श्रद्धा व उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। देश–विदेश से पहुँचे संत–महापुरुषों तथा हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस समागम को आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रेम और सामाजिक जागरण का विशाल मंच बना दिया।

समागम की अध्यक्षता संत सत्यपाल दास महाराज बरवाला वाले ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में हजूर महाराज संत स्वामी गुरदीप गिरी जी, गद्दीनशीन डेरा स्वामी जगतगिरी जी, पठानकोट से पधारे। कई अन्य संत–महापुरुषों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।

स्वामी गुरदीप गिरी जी का दिव्य प्रवचन

मुख्य प्रवचन में हजूर महाराज स्वामी गुरदीप गिरी जी ने गुरु रविदास महाराज की अमर वाणी को सरल रूप में समझाया।

“स्वर्ग मृत्यु के बाद की जगह नहीं, बल्कि इसी जीवन में संभव है – जब मनुष्य प्रेम, सत्य और करुणा अपना ले।”

स्वामी जी ने गुरु रविदास महाराज की वाणी:

बेगमपुरा सहर को नाउ, दुख अन्दोह नहि तिहि ठाऊं

का अर्थ बताते हुए कहा कि बेगमपुरा कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक ऐसी सामाजिक और मानसिक अवस्था है जहाँ:

  • प्रेम हो
  • भय न हो
  • वर्गभेद न हो
  • मानव कर्मशील और सत्यनिष्ठ हो

गुरु रविदास महाराज की शिक्षा

स्वामी जी के अनुसार गुरु रविदास जी ने मानव को:

  • नशों से दूर रहने
  • आडंबर छोड़ने
  • विकारों से मुक्त जीवन
  • कर्मयुक्त जीवन अपनाने

का संदेश दिया। स्वामी जी ने कहा:

“जिस तरह सूर्य, बादल और वृक्ष सबके लिए होते हैं, वैसे मानव को भी निःस्वार्थ बनना चाहिए।”

हर व्यक्ति का समाज में योगदान आवश्यक

जंगल की आग बुझाने वाली चिड़िया की कहानी सुनाते हुए स्वामी जी ने कहा:

“जो समाज में आग लगाते हैं, वे संत नहीं – जो बुझाते हैं, वही असली संत हैं।”

हर मनुष्य का समाज सुधार में योगदान महत्वपूर्ण है।

अंतर्मन में बेगमपुरा प्राप्त

स्वामी जी ने कहा कि जब मनुष्य प्रभु नाम से जुड़ जाता है तो:

  • भय समाप्त होता
  • मन निर्मल होता
  • जीवन आनंदमय बन जाता है

अमृतवाणी और योग शिविर

समागम में दो दिवसीय:

  • अमृतवाणी उच्चारण प्रशिक्षण
  • योग एवं ध्यान सत्र

का आयोजन किया गया। ज्ञानी सतीश रविदासिया ने प्रशिक्षण दिया, जबकि योगाचार्य संजय अत्री और पिंकी अत्री ने योग सत्रों का संचालन किया।

विशेषांक का विमोचन और सम्मान समारोह

इस पावन अवसर पर दैनिक “दैनिक गजब हरियाणा” राष्ट्रीय समाचार पत्र के विशेष संत–समर्पित अंक का विमोचन भी किया गया। आयोजकों द्वारा संत–महापुरुषों, समाजसेवियों, विद्यार्थियों एवं सहयोगियों का सम्मान किया गया।

समागम को सफल बनाने में धर्मपाल रविदासिया, देशपाल चौहान और बेगमपुरा धाम एजुकेशन वैलफेयर सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

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निष्कर्ष

बेगमपुरा धाम में सम्पन्न यह समागम न केवल धार्मिक आयोजन था, बल्कि:

  • मानवता
  • आध्यात्मिक उत्थान
  • सामाजिक सुधार

का प्रेरक संदेश लेकर सम्पन्न हुआ।

स्वामी गुरदीप गिरी जी का यह संदेश कि
“स्वर्ग इसी जीवन में संभव है" जब मनुष्य प्रेम, सत्य और निःस्वार्थ सेवा को अपना ले।”

आज के युग के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। यदि मनुष्य गुरु रविदास महाराज की शिक्षा को अपने जीवन में उतार ले, तो न केवल अपना जीवन— बल्कि समाज भी बेगमपुरा की राह पकड़ सकता है।

बेगमपुरा एजुकेशन वैलफेयर सोसाइटी इस्माईलाबाद और ग्लोबल रविदासिया वैलफेयर अंगिर्नाइजेशन यूरोप इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में बेगमपुरा धाम, चम्मू कलां (खंड इस्माईलाबाद) में दो दिवसीय 5वां महान संत समागम बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। सभी संतो का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। समागम में मुख्य अतिथि के रूप में हजूर महाराज संत स्वामी गुरदीप गिरी जी, गद्दीनशीन डेरा स्वामी जगतगिरी जी, पठानकोट पधारे । अध्यक्षता संत सत्यपाल दास महाराज जी बरवाला वाले ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में संत निर्मलदास महाराज जी कपाल मोचन, संत जैन दास हितकारी जी दयालगढ़, संत गुरपाल दास महाराज जी लाडवा, बाबा सतीश दास पुण्डरी (कैथल), ज्ञानी सज्जन सिंह इस्माईलाबाद, ज्ञानी सतीश रविदासिया पंजोखरा (अंबाला) एवं अन्य संत-महापुरुष उपस्थित रहे। समागम के दौरान संत सत्यपाल दास जी, संत निर्मलदास जी, संत जैन दास हितकारी जी और संत गुरपाल दास जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचनों से श्रद्धालुओं को निहाल किया।

Written by: श्री शेर सिंह, अध्यक्ष — ग्लोबल रविदासिया वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन (भारत)

Sources:
गजब हरियाणा न्यूज

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